Known by different names at different points of time, such as Qila-i-Mubarak (the Fortunate Citadel), Qila-i-Shahjahanabad (Fort of Shahjahanabad) or Qila-i-Mualla (the Exalted Fort), the Red Fort remains one of the most iconic representations of anti-colonial resistance and India’s Independence Day celebrations. Since 1947, on every Independence Day, successive prime ministers have hoisted the national flag here and addressed the nation from the rampart adjacent to the Lahori Gate, which now forms the public entrance to the fort.
हर साल भांति इस साल भी 15 अगस्त को पीएम मोदी लाल किला पर झंडा फहराएंगे और लाल किले के प्राचीर से भाषण देंगे. जो हमेशा एक ऐतिहासिक पल होता है. लाल क्योंकि लाल किला पर झंडा फहराना हर नेता का एक सबसे बड़ा सपना होता है. लेकिन इसके मिसाल आजतक गिनती के ही नेता बन पाए हैं. लेकिन अक्सर आपके मन में ये सवाल उठता होगा कि 15 अगस्त को आजादी के दिन प्रधानमंत्री लाल किला से ही झंडा क्यों फहराते हैं. स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए लाल किले को ही क्यों चुना गया? दरअसल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर झंडा फहराने की परंपरा उतनी ही पुरानी है जितनी पुरानी इस देश की आजादी.
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